Friday, September 12, 2025
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बोलीं- चाइल्ड लाइन राज्य सरकारों को सौंपी जाएंगी, कहा- मौत का कहर बरपाने वालों से कांग्रेस मिला रही हाथ

भोपाल। देशभर में चाइल्ड लाइन प्रदेश की सरकारों को सौंपी जाएंगी। वर्तमान में अगर बच्चा मुसीबत में है। मदद की गुहार लगा रहा है, तो उसका फोन NGO के पास जाता है। ऐसे में गहमागहमी होती है कि FIR कहां हो। नई व्यवस्था में बच्चे या बच्ची का फोन कॉल सीधा स्थानीय प्रशासन के पास पहुंचेगा, जिससे उसे जल्द मदद मिलेगी।

यह बात केंद्रीय महिला-बाल विकास एवं अल्पसंख्यक कार्यमंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कही। वे रविवार को ‘वत्सल भारत कार्यक्रम’ में शामिल होने भोपाल आईं। रविंद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण पर केंद्रित है। कार्यक्रम देश में अलग-अलग जगह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 7 क्षेत्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। रविंद्र भवन में मध्य भारत क्षेत्रीय संगोष्ठी हो रही है।

स्मृति ईरानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में जिस प्रकार से लोकतंत्र की हत्या होते हुए लोग देख रहे हैं। जहां लोकतांत्रिक अधिकारों को जताने के लिए लोग मौत के घाट उतारे जा रहे हैं, उसी तृणमूल के साथ गांधी परिवार गठबंधन कर रहा है। मेरा गांधी परिवार से सवाल है कि क्या उनसे हाथ मिलाना मंजूर है उन्हें, जो पश्चिम बंगाल में कहर मचा रहे हैं? मौत का यह खेला राहुल गांधी को क्यों स्वीकार है?

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स्मृति ईरानी के कार्यक्रम में बांटे गए बैग के लिए महिलाओं में मारामारी हो गई। मारपीट तक की नौबत आ गई।

रेप विक्टिम को 4 हजार रु. मासिक दिए जाएंगे

स्मृति ईरानी ने कहा कि 18 साल की बेटियों से रेप की वारदातें होती हैं, तब पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को अपनी जेब से उसके खाने-पीने और ठहरने का इंतजाम करना पड़ता है। निर्णय लिया है कि 74 करोड़ रुपए देशभर की ऐसी बेटियों को समर्पित करेंगे। महीने के 4 हजार रु. देंगे। 18 साल के बाद भी 23 साल की उम्र तक ऐसी बेटियों के संरक्षण का बीड़ा हमने उठाया है।

CWC के दफ्तर बनवाएगी भारत सरकार

कार्यक्रम में स्मृति ने कहा कि देशभर में हर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी का दफ्तर बनाने का जिम्मा भारत सरकार ले रही है। प्रस्ताव भेजिए, हम समाधान देंगे। अब स्कीम और प्रपोजल बनाने से पहले चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से पूछा जाएगा।

उन्होंने कहा, बाल संरक्षण के बजट में 230% की वृद्धि हुई है। आज से 13-14 साल पहले देशभर में 8 से 9 हजार बच्चों को संरक्षित किया जाता था, अब 65 हजार बच्चों का संरक्षण हो रहा है।

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