मृत महंत के खाते से धोखाधड़ी कर निकाले 90 लाख रुपए, साध्वी ने खुद को नॉमिनी बनाया
छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा के श्रीराम जानकी मंदिर कनकधाम के महंत कनक बिहारी दास महाराज के बैंक अकाउंट से धोखधड़ी कर 90 लाख रुपए निकाले गए हैं। आरोप- विदिशा की रहने वाली रीना रघुवंशी उर्फ साध्वी लक्ष्मीदास पर है। बैंक मैनेजर पर भी शक है।
इस मामले में शुक्रवार को रीना रघुवंशी के खिलाफ चौरई थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। फिलहाल वह फरार है।
बता दें कि कनक बिहारी दास महाराज ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए एक करोड़ रुपए दिए थे। 17 अप्रैल 2023 को सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी।
90 lakh rupees were fraudulently withdrawn from the account of dead Mahant
ऐसे की धोखाधड़ी
श्रीराम जानकी मंदिर समिति के नए महंत श्याम दास महाराज और मंदिर से जुड़े चक्रपाल सिंह पटेल ने चौरई थाने में शिकायत की थी। इसमें बताया कि कनक बिहारी दास महाराज का खाता चौरई की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। अकाउंट में 90 लाख रुपए जमा थे।
पटेल ने बताया कि रीना रघुवंशी मूल रूप से विदिशा की रहने वाली है। वह कनक दास महाराज से 2022 में जुड़ी थी। महाराज के निधन के बाद रीना ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर खुद को कनक दास महाराज का नॉमिनी बना लिया। 28 दिसंबर 2023 को भोपाल से मोबाइल सिम भी अलॉट करवा ली।
एक महीने में करीब 90 लाख का ट्रांजैक्शन
श्याम दास महाराज ने बताया कि रीना का भोपाल के यस बैंक में अकाउंट है। 31 दिसंबर 2023 को उसने महाराज के खाते से एक रुपए ऑनलाइन अपने खाते में जमा कर चेक भी किया। इसके बाद लगातार ट्रांजैक्शन करती रही। 19 जनवरी को 50 लाख रुपए नकदी निकाले।
31 जनवरी को 9 लाख 99 हजार 999 रुपए निकाले। एक महीने में ऑनलाइन और ऑफलाइन 89 लाख 80 हजार रुपए निकाले। अब कनकदास महाराज के खाते में सिर्फ 20 हजार रुपए बचे हैं।
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ऐसे पता चला, थाने में नहीं सुनी
करीब 15 दिन पहले चौरई की एसबीआई ब्रांच में रीना ट्रांजैक्शन करने पहुंची, तभी कुछ गांव के लोगों ने देख लिया। 10 जुलाई को गांव वालों ने मंदिर से जुड़े लोगों को बताया। 12 जुलाई को मंदिर के नए महंत श्याम दास जी महाराज और चक्रपाल सिंह पटेल ने चौरई थाने में शिकायत की।
कार्रवाई नहीं होने पर 18 जुलाई को छिंदवाड़ा एसपी मनीष खत्री से शिकायत की। एसपी ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
वसीयत में लिखा था श्यामदास महाराज का नाम
चक्रपाल पटेल ने बताया कि कनक बिहारी दास महाराज ने जिंदा रहते वसीयत बनाई थी, जिसमें उन्होंने श्याम सिंह महाराज को उत्तराधिकारी बताया था। चांद के सेंट्रल बैंक ने भी इसी आधार पर कुछ मामलों का निपटारा किया था, लेकिन चौरई स्थित एसबीआई बैंक ने एकतरफा भुगतान कर दिया। चक्रपाल ने बैंक अधिकारियों पर भी साठगांठ का आरोप लगाया है।
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