हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में 8 साल के मासूम की मौत, पिता को बचाते वक्त हुआ था घायल
हरदा। हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में घायल 8 साल के बच्चे की शुक्रवार को मौत हो गई। हादसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 13 हो गया है। आशीष (8) पिता संजय राजपूत ब्लास्ट के बाद उछले पत्थर से पिता को बचाते समय घायल हुआ था। उसे पहले नर्मदापुरम जिला अस्पताल, फिर भोपाल स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था।
हरदा के मगरधा रोड पर बैरागढ़ गांव स्थित पटाखा फैक्ट्री में मंगलवार सुबह करीब 11 बजे एक के बाद एक दो ब्लास्ट हुए थे। धमाकों की चपेट में आने से कई राहगीर वाहन समेत दूर उछल गए। शहर में इसकी गूंज सुनाई दी थी। आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर से देखा जा रहा था।
पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के करीब 26 घंटे बाद बुधवार दोपहर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जा सका था। इस हादसे में 217 लोग घायल हुए थे। वहीं, 184 लोगों को रेस्क्यू किया गया था।
दिव्यांग पिता को बचाने के दौरान घायल हुआ था
बैरागढ़ गांव की रहने वाली श्वेता सैनी ने बताया कि उनके घर से कुछ दूरी पर संजय राजपूत रहते हैं। वे दिव्यांग हैं और सड़क किनारे पान मसाला बेचते हैं। उनकी पत्नी पटाखा फैक्ट्री में ही काम करती थी। मंगलवार सुबह ब्लास्ट के बाद उनका छोटा बेटा आशीष, दिव्यांग पिता को बचाने की कोशिश कर रहा था। आशीष व्हील चेयर धकेलकर उन्हें दुकान से घर ला रहा था। इसी दौरान ब्लास्ट की वजह से उछला पत्थर उन पर गिरा। पिता-पुत्र दोनों घायल हो गए।
रेलवे ट्रैक के पास मिलीं सुतली बम से भरी 70 बोरियां
हरदा में मगरधा रोड पर शुक्रवार को दिल्ली-मुंबई के व्यस्त रेलवे ट्रैक के बाजू में अज्ञात लोग सुतली बम से भरी करीब 70-75 बोरियां फेंक गए। यह लोकेशन ब्लास्ट साइट से मात्र डेढ़ किलोमीटर की दूर है। संभावना है कि इलाके के घरों में बनने वाले पटाखों पर प्रशासन की नजर है। एक्शन से बचने के लिए वे पटाखों को इस तरह डिस्पोज कर रहे हैं।
गुरुवार रात भी सिराली के पास माचक नहर में नगर परिषद के तीन कर्मचारियों द्वारा सरकारी वाहन में भरकर सुतली बम फेंके जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
फैक्ट्री के पीछे रहने वाले लोगों ने किया हंगामा
शुक्रवार को पटाखा फैक्ट्री के पीछे रहने वाले लोगों ने हंगामा किया। उनका कहना था कि प्रशासनिक अधिकारी उन्हें उनके क्षतिग्रस्त मकानों तक नहीं जाने दे रहे हैं। प्रदर्शनकारियों में शामिल महिलाओं ने आरोप लगाया कि चोर उनका सामान चुरा रहे हैं।
मौके पर मौजूद एसडीएम केसी परते ने महिलाओं को समझाइश दी कि सुरक्षा की दृष्टि से ही टूटे मकानों में जाने से लोगों को रोका जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को साथ ले जाकर प्रशासन की टीम नुकसान का सर्वे कर रही है।