भोपाल में वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए बनाई 3700Kg खिचड़ी, 350 किलो चावल, 380 किलो सब्जी मिलाकर बनाई
भोपाल। राजधानी में अनोखा आयोजन किया गया। यहां खिचड़ी बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए 3700 किलो खिचड़ी पकाई गई। ये खिचड़ी अवधपुरी क्षेत्र के सांई मंदिर में पकाई गई है। दो टन वजनी लोहे की हांडी में पकाई खिचड़ी को बनने में करीब 6 घंटे लगे। इसमें 3 क्विंटल 80 किलो सब्जी, 350 किलो चावल और 120 किलो दालों का उपयोग किया गया है। करीब 15 हजार श्रद्धालुओं को खिचड़ी बांटी गई।
विश्व रिकॉर्ड बनाने के उद्देश्य से खिचड़ी बनने, उसे तौलने और फिर श्रद्धालुओं में बांटने तक की वीडियोग्राफी की जा रही है। इसके लिए अफसर मौजूद हैं। इसकी रिकॉर्डिंग और दस्तावेज गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा जाएगा।
अवधपुरी के आधारशिला स्थित श्री सांई मंदिर में संस्थापक रमेश कुमार महाजन की ओर से आयोजन किया गया है। भेल में 37 साल सर्विस के बाद 24 अप्रैल को रमेश कुमार टेक्नीशियन ग्रेड-1 पद से रिटायर हुए हैं। उन्होंने 3700 किलोग्राम खिचड़ी प्रसाद के रूप में बंटवाने का संकल्प लिया, जिसे 27 अप्रैल को पूरा किया। खिचड़ी बनाने में करीब 5 लाख रुपए खर्च आया है।
गुणवत्ता भी देखी गई
इस मौके पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी डीके दुबे, भोजराज सिंह धाकड़, निगम के एडिशनल कमिश्नर गुणवंत सेवंथकर, एनसीसी कमांडेंट योगेशकुमार सिंह, पशुपालन विभाग के एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर भगवानदास मंगलानी और एनएचडीसी महाप्रबंधक पीके सक्सेना मौजूद रहे। अफसरों के सामने खिचड़ी का वजन और उसकी गुणवत्ता प्रमाणित की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं को खिचड़ी बांटने का काम शुरू किया गया। पहली बार जिस भगोने का वजन किया गया, उसमें 125 किलो खिचड़ी निकली। इसी हिसाब से आगे भी वजन किया गया।
24 घंटे की गई वीडियो रिकॉर्डिंग
श्रद्धालुओं ने बताया कि बुधवार रात से खिचड़ी पकाने की तैयारी शुरू कर दी थी। गुरुवार सुबह 11 बजे से खिचड़ी पकाने का काम शुरू कर दिया गया, जो शाम 4 बजे से पहले पूरा हो गया। इसके बाद एक्सपर्ट के सामने खिचड़ी का वजन और गुणवत्ता की जांच की गई। आयोजन की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेजी जाएगी। यह रिकॉर्डिंग खिचड़ी पकाने की शुरुआत से शुरू कर दी गई थी, जो आखिरी तक चलेगी।
3.80 क्विंटल सब्जी का उपयोग
खिचड़ी बनाने में 3 क्विंटल 80 किलो सब्जी का उपयोग किया गया है। इसमें आलू, कद्दू, टमाटर, धनिया, गाजर, पत्ता गोभी, फूल गोभी, मिर्च, धनिया और बरबटी शामिल हैं।
सब्जी | वजन |
आलू | 65 किलो |
कद्दू | 65 किलो |
गोभी | 65 किलो |
पत्ता गोभी | 65 किलो |
गाजर | 25 किलो |
बरबटी | 50 किलो |
हरी मिर्च | 4 किलो |
अदरक | 4 किलो |
हरा धनिया | 7 किलो |
टमाटर | 30 किलो |
साढ़े 3 क्विंटल चावल, 80 किलो दाल
खिचड़ी में साढ़े 3 क्विंटल चावल के साथ हरी मूंग 60 किलो, तुअर दाल 40 किलो, घी 3 किलो, हल्की साढ़े 3 किलो, धनिया 3 किलो, हींग 300 ग्राम, जीरा 3 किलो समेत अन्य सामग्री का उपयोग किया गया है।
सामग्री | वजन |
चावल | 350 किलो |
हरी मूंग | 60 किलो |
तुअर दाल | 40 किलो |
चना दाल | 20 किलो |
मटर | 40 किलो |
मूंगफली दाना | 15 किलो |
तेल | 104 लीटर |
मखाना | 3 किलो |
हल्दी | 3.5 किलो |
धनिया | 3 किलो |
हींग | 300 ग्राम |
जीरा | 3 किलो |
कश्मीरी मिर्च | 1.3 किलो |
पिछले साल कराया था रजिस्ट्रेशन
रमेश कुमार सांई मंदिर ने 11 अक्टूबर 2008 को मंदिर की स्थापना करवाई थी। हर साल इसी दिन खिचड़ी के भंडारे का आयोजन होता है। वहीं, हर गुरुवार को भी प्रसाद के रूप में खिचड़ी बांटी जाती है। इस बार रमेश महाजन ने खिचड़ी का भंडारा करने की ठानी। महाजन ने बताया कि सबसे ज्यादा खिचड़ी पकाने के रिकॉर्ड के बारे में जब पता लगाया, तो हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में जनवरी 2020 में रिकॉर्ड बना था। इसमें 1995 किलो खिचड़ी बनाई गई थी। हम इससे दोगुनी मात्रा में खिचड़ी बना रहे हैं, इसलिए पिछले साल नवंबर में ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करा दिया था। उन्होंने खुद खिचड़ी बनाई। उनके साथ 25 लोगों की टीम भी इस काम में लगी रही।
विशेष तौर पर बनवाई है हांडी
मंदिर में भंडारे के लिए विशेष तौर पर बड़ी हांडी बनवाई गई है। जिसका वजन 2 टन 40 किलो यानि दो हजार 40 किलो है। इस हांडी की क्षमता 12 हजार 500 लीटर की है। यह भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में विशेष तौर पर बनवाई गई है।