रेलवे में नौकरी का झांसा देकर 35 लाख ठगे, रिक्रूटमेंट अधिकारी बनकर दिया फर्जी जॉइनिंग लेटर
भोपाल। भोपाल क्राइम ब्रांच ने रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने सरगना समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 15 लाेगों से 35 लाख रुपए ठग लिए। मास्टर माइंड खुद को रेलवे रिक्रूटमेन्ट बोर्ड का अधिकारी बताता था। उसने डीआरएम भोपाल की फर्जी सील के साथ उनके साइन कर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दे दिया था। उसने हॉलीवुड मूवी से ठगी का तरीका सीखा था।
क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि श्रीनाथ पुरम कॉलोनी कोटा, के रहने वाले नीरज नेल्सन बेथे (33) पिता नेमुअल जोसफ बेथे और संदीप दास को गिरफ्तार किया गया है। वह फाइनेंस का काम करता है। उसके पास से लैपटाॅप, रेलवे अधिकारी की 2 सीलें मिली हैं।
इंदौर के रहने वाले युवक 8.35 लाख रुपए ठगे
इंदौर के रहने वाले प्रीतपाल सिंह बाधवा ने क्राइम ब्रांच को शिकायत की थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि 2020 में एक परिचित संदीप दास ने मेरे बेटे प्रतीक को नीरज नेल्सन ब्रेथे से मिलवाया। नीरज ने खुद को रेलवे रिक्रूटमेन्ट बोर्ड अधिकारी बताया। उसने बेटे की नौकरी रेलवे विभाग में लगवाने के नाम पर 8 लाख 35 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद फर्जी अपॉइंमेन्ट लेटर, जिस पर फर्जी हस्ताक्षर कर सील भी लगी थी, दे दिया। सैलरी के लिए बैंक अकाउंट भी खुलवाया।
इसमें 4 महीने तक बेटे के अकाउंट में वेतन डाला गया। वर्ष 2021 में पता चला कि नियुक्ति फर्जी है। जब नीरज नेल्सन बेथे को बताया तो बोला कि पैसे वापिस कर दूंगा। शिकायत न करें। उसने पैसे वापस नहीं किए। नीरज नेल्सन उस समय रायल होम्स सुख सागर फेस -4 करोंद में रहता था।
रेलवे में अकाउंट हेड की नौकरी
नीरज नेल्शन व संदीप दास ने प्रतीक सिंह बाधव को रेलवे में अकाउंट हेड के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर पैसा लिया था। इसके बाद दोनों आरोपी फरार हो गए। इसी तरह आरोपियों ने अन्य 15 लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं। पुलिस ने नीरज की तलाश शुरू की, लेकिन उसका पता नहीं चला। हालही में पुलिस को पता चला कि वह सागर अपनी रिश्तेदारी में आया है। पुलिस ने गढ़ाकोटा रोड कलारी के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के किराए के मकान रायल होम्स करोंद निशातपुरा की तलाशी लेने पर एक लैपटॉप, रेलवे अधिकारियों की दो सील बरामद की हैं।
हॉलीवुड मूवी से सीखा तरीका
आरोपी पहले में हाइपर सिटी नामक स्टोर पर काम करता था। उसने हॉलीवुड मूवीज देखकर रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी का प्लान बनाया। इसके लिए लैपटाॅप, प्रिंटर खरीदा। इसके बाद रेलवे से नियुक्ति संबंधी आदेशों व रेलवे के आईकार्ड के नमूनों को इंटरनेट में तलाश कर आदेश व आई कार्ड का ड्राफ्ट बनाया। इसके बाद बेरोजगार लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगना शुरू कर दिया।
ज्वाइनिंग लेटर आई कार्ड, टी-शर्ट तक दिया
आरोपी ने फर्जी नियुक्ति आदेश बनाए। इसके बाद डीआरएम भोपाल की फर्जी सील व WCR की प्रिंटेड टीशर्ट मंगाई। फर्जी नियुक्ति आदेश व आई कार्ड पर सील लगाकर खुद के ही हस्ताक्षर कर लोगों को जॉइनिंग लेटर दे दिए। इसके बाद सभी लोगों को करोंद भोपाल में किराए का कमरा दिलाकर ठहराया। भरोसा जीतने के लिए टीशर्ट, आई कार्ड देकर उन्हें कई बार रेलवे स्टेशन भोपाल व स्टेशन पर खड़ी ट्रेनों का विजिट कराया। आरोपी ने सभी लोगों का सैलरी एकाउंट भी बैंको में खुलवाया था। ट्रेनिंग के नाम पर तीन-चार महीने घुमाता रहा। जब लोगों को पता चला कि उनके नियुक्ति पत्र फर्जी हैं तो शिकायत दर्ज कराई।