बोरवेल में गिरी मासूम को रॉड और रस्सी के सहारे निकालने की कोशिश; सेना भी रेस्क्यू में जुटी
सीहोर में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम सृष्टि को निकालने के लिए सेना जुटी हुई है। 36 घंटे बाद रात भी उसका रेस्क्यू नहीं हो सका है। रात करीब 1 बजे तक 35 फीट पैरलल गड्ढा खोदा जा रहा है। बच्ची 100 फीट पर फंसी है।
जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी के मुताबिक दिल्ली और राजस्थान से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है। वह गुरुवार सुबह पहुंचेंगे। चट्टानों के कारण खुदाई में दिक्कत आ रही है। वहीं, सेना ने बोर में रस्सी और रॉड डालकर बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश की है। बच्ची के कपड़े फटने से ये कोशिश नाकाम रही। सेना के जवान फिर से ऐसी ही कोशिश में जुटे हैं। दो बार की कोशिश में सेना को सफलता नहीं मिल पाई। मौके पर डॉक्टर्स के साथ एंबुलेंस मौजूद है।
सृष्टि नाम की 3 साल की ये मासूम मंगलवार दोपहर करीब एक बचे खेलते-खेलते खेत में बने बोलवेल में गिर गई थी। वह 29 फीट की गहराई पर अटक गई। सूचना पर मौके पर प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। बोरवेल के पैरेलल खुदाई की गई। इस दौरान कंपन से बच्ची और गहराई में जा फंसी। वह करीब 100 फीट की गहराई पर फंसी है। खुदाई में 10 से ज्यादा JCB और पोकलेन मशीनें लगी हैं।
बच्चे पिता का नाम राहुल कुशवाहा है। बच्ची तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। उसके मूवमेंट पर नजर रखने के लिए बोरवेल के अंदर इंस्पेक्शन कैमरा भी डाला गया है। एंबुलेंस और मेडिकल टीम भी तैनात है।
घटना के बाद दो बजे NDRF और SDRF की टीम लोकल पुलिस प्रशासन के साथ रेस्क्यू में जुट गई। 10 से ज्यादा JCB और पोकलेन मशीनों की मदद से 5 फीट दूर समानांतर गड्ढा खोदा जा रहा है। टीम बुधवार सुबह 11.30 बजे तक बोर के पैरेलल 32 फीट ही खुदाई कर सकी। बच्ची खिसक कर 50 फीट पर जा पहुंच गई है।
रेस्क्यू के लिए महाराष्ट्र से मंगवाया रोबोट
सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी बुधवार को मौके पर पहुंचीं। उन्होंने कहा- बोरवेल में झांककर देखा, लेकिन अंधेरा होने से बच्ची नजर नहीं आई। खुदाई के लिए मशीनें बढ़ा दी गई हैं। प्रशासन ने बताया कि महाराष्ट्र से रोबोट मंगाया जा रहा है, जिसकी मदद से बच्ची को निकाला जाएगा। जिसने यह लापरवाही की है, उसे कठाेर सजा मिले। उसने बोर को खुला छोड़ा, जिससे बच्ची उसमें गिर गई। मैं यह कहती हूं कि यदि अब खुले बोरवेल मिले, तो सख्त कार्रवाई के साथ जुर्माना लगाया जाएगा।
पत्थरों को ड्रिल मशीन से तोड़ रहे
SDM अमन मिश्रा ने बताया कि बोर में हुक डालकर निकालने का प्रयास किया गया था, जो सफल नहीं हो सका। बोर में हल्का भी पानी रिस रहा है। जिला पंचायत CEO आशीष तिवारी ने के मुताबिक बच्ची के मूवमेंट नहीं आ रहे हैं। खुदाई में नीचे मिले पत्थर हार्ड हैं। पत्थरों के कारण खुदाई में दिक्कत आ रही है। उन्हें तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन के पंजे से बड़ी ड्रिल मशीन को बांधा हुआ है। उसी की मदद से पत्थर को तोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि रेस्क्यू में तेजी नहीं आ पा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्ची को निकालने के प्रयास जारी हैं। खोदते समय वाइब्रेशन के कारण वह नीचे खिसक गई है। NDRF और SDRF पहले से काम कर रही हैं। प्रयास है कि बच्ची को सुरक्षित निकाल लिया जाए।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसर प्रशासन से संपर्क में
SDM अमन मिश्रा ने बताया कि ‘करीब डेढ़ बजे सूचना मिली थी कि बच्ची बोरवेल में गिर गई है। NDRF, SDRF के साथ लोकल प्रशासन रेक्स्यू में जुटा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि बच्ची को निकालने के समुचित प्रयास करें। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी सीहोर जिला प्रशासन से संपर्क में हैं।’
मां बोली- मुझे पुकारा और बोरवेल में चली गई
बच्ची की मां ने बताया कि सृष्टि खेलते-खेलते बोरवेल में चली गई। मैंने उसे देखा, तो मैं दौड़ लगाकर गई, तब तक वह बोरवेल में चली गई। मेरी बेटी आंखों के सामने मुझे पुकारते हुए बोर में गिर गई। वह रो रही थी। मैंने सबसे पहले सास को बुलाया। वह बोर पड़ोसी का है। मेरी दो बच्चियां हैं। सृष्टि सबसे बड़ी है।
बच्ची की दादी कलावती बाई ने बताया- सृष्टि खेलने के लिए बाहर गई थी। मैं तब वहीं थी। घर के पास ही दूसरे का खेत है। उसमें बोरवेल पर एक तगाड़ी रखी थी। सृष्टि खेलते-खेलते उसमें बैठ गई और अंदर जा गिरी। मैं चिल्लाते हुए उसे पकड़ने गई। चीख सुनकर मेरा बेटा और गांव वाले भी आए।
पिता ने कहा- बेटी सही सलामत निकल आए
बच्ची के पिता राहुल कुशवाहा ने कहा- मेरी बेटी खेलते हुए घर से बाहर आ गई। पत्नी उसे लेने के लिए आ रही थी, तभी वह दौड़कर बोरवेल की तरफ चली गई। मैं यही चाहता हूं कि वह सही सलामत बाहर निकल आए।