Sunday, June 8, 2025
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उत्तरकाशी टनल हादसे के 3 हीरो, जिन्होंने बचाईं 41 जिंदगियां; PM मोदी समेत देश ने किया जज्बे को सलाम 

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया। 17 दिनाें तक चला यह ऑपरेशन अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन माना जा रहा है। इस ऑपरेशन में केंद्र और राज्य सरकार की कई एजेंसियों के साथ-साथ विदेशी एक्सपर्ट भी शामिल थे। इस ऑपरेशन से जुड़े तीन हीरो हैं, जिन्होंने इसमें अहम भूमिका निभाई। पीएम मोदी के इनके जज्बे को सलाम कर रहा है।

मुन्ना कुरैशी बोले- इस इज्जत को कभी नहीं भूल सकता

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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुन्ना को गले से लगा लिया।

29 साल के मुन्ना कुरैशी दिल्ली की ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग कंपनी में काम करते हैं। यह कंपनी सीवर और पानी की लाइनों की सफाई करती है। कुरैशी कंपनी की रैट माइनिंग टीम का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया, ‘मैंने टनल के आखिरी हिस्से का काम किया, और वहां फंसे लोग मुझे देखकर खुश हो गए। उन्होंने मुझे गले लगा लिया। खाने के लिए बादाम दिए। हम पिछले 24 घंटे से काम कर रहे थे। उन्होंने मुझे जिंदगीभर नहीं भूलने वाली इज्जत दी। इस मुश्किल ऑपरेशन में शामिल सभी लोगों को तारीफ मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके जज्बे को सराहा है।

गब्बर सिंह नेगी: मानसिक और शारीरिक तौर पर नहीं हो दिया कमजोर

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गब्बर सिंह नेगी ने ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई।

साहसी मजदूर का नाम गब्बर सिंह नेगी है। फोरमैन गब्बर सिंह नेगी पहले भी एक बार ऐसे हादसे का शिकार हो चुके हैं। उन्हें विश्वास था कि इतनी कोशिशें बेकार नहीं जाएंगी। उन्हें जरूर निकाला जाएगा। यही यकीन वह बाकी साथियों को भी दिलाते रहे। गब्बर सिंह नेगी अलग-अलग तरह से मजदूरों का हौसला बढ़ा रहे थे, ताकि उनकी उम्मीद कमजोर न पड़े।

पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले गब्बर सिंह नेगी पिछले 25 साल से सुरंग निर्माण कंपनियों से जुड़े हैं। उन्हें सुरंग निर्माण के दौरान होने वाली भूस्खलन की घटनाओं का भी अनुभव है। पिछली बार हुए हादसे में गब्बर सिंह नेगी ने 7 दिन इसी तरह बिताए थे। अंत में सुरक्षित निकले। उन्हें उम्मीद थी कि इस बार भी वह देर में ही सही बाहर आकर फिर से परिवार के बीच होंगे।

ऐसे कायम रही उम्मीद
गब्बर बताते हैं कि जब पाइप अंदर पहुंचा, तो बड़े भाई जयमल नेगी से नियमित बात कर रहे थे। वह सुरंग के अंदर से बताते थे कि वह सभी मजदूरों को नियमित टहलने, योग करने और मनोरंजन के लिए कुछ खेलने को कहते थे। वह श्रमिकों के पास जाकर हाल चाल पूछते और उन्हें ढांढस बंधाते। यही नहीं, चिकित्सा टीम से जो भी निर्देश दिए जाते हैं, गब्बर सिंह उनका पालन भी करवाते रहे।

ऑरनॉल्ड डिक्स: ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी सराहा

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अनॉल्ड डिक्स ने इस ऑपरेशन को लीड किया।

इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर ऑरनॉल्ड डिक्स ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई। उन्होंने ही इस पूरे ऑपरेशन को लीड किया। डिक्स ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी उनकी प्रशंसा की है।

डिक्स 20 नवंबर को घटनास्थल पर पहुंच गए थे। उन्होंने सभी को पॉजिटिव रहने की सलाह दी। वह भूमिगत निर्माण से जुड़े जोखिमों पर सलाह देते हैं। डिक्स सुरंग बनाने में दुनिया के अग्रणी विशेषज्ञों में से एक हैं।

कौन हैं अर्नोल्ड डिक्स? अर्नोल्ड डिक्स 

इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। साथ ही, वह इंजीनियर, वकील, जियोलॉजिस्ट भी हैं। उन्होंने मेलबर्न की मोनाश यूनिवर्सिटी से साइंस और लॉ में डिग्री हासिल की है। उन्होंने तीन दशकों के करियर में कई भूमिकाएं निभाई हैं। 2016 से 2019 तक कतर रेड क्रेसेंट सोसाइटी के लिए वॉलिटेयर के तौर पर भी काम किया है। यहां भी उन्होंने एेसी अंडरग्राउंड घटनाओं पर काम किया है। 2020 में डिक्स लॉर्ड रॉबर्ट मेयर पीटीर विकरी क्यूसी कंपनी से जुड़े। वह यहां तकनीकी और रेगुलेटरी सलाह देते हैं।

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