3 लड़कों ने बच्चे का गला घोंटा, चाकू मारे और पत्थर से कुचलकर की हत्या; बहन को छेड़छाड़ से रोका था
सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी में तीन लड़कों ने अपने नाबालिग दोस्त की हत्या कर दी। आरोपियों ने बच्चे को कमरे में बंद कर गला घोंटा, गर्दन में चाकू मारकर और पत्थर से कुचलकर दिया। वारदात के बाद आरोपी शव को ठिकाने लगाने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही पकड़े गए। आरोपी क्राइम सीरियल देखने और पब्जी जैसे हिंसक गेम खेलने के आदी भी हैं। पुलिस ने तीनों को बाल सुधार गृह भेज दिया है।
12 साल के इकलौते बेटे की मौत के बाद से परिवार सदमे में है। परिजन का कहना है कि मैं पहले अच्छी नौकरी करता था। अब नागपुर में टोल प्लाजा पर काम करता हूं। बेटे की मौत के बाद समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूं। परिवार का पालन पोषण करूं या बेटे का केस लड़ूं। अब कैसे जीवन कटेगा। यह कहते हुए वे फूट-फूटकर रोने लगे।
बहन से छेड़छाड़ करने पर टोका तो ले ली जान
बरघाट थाना क्षेत्र में 12 साल क बच्चे का 16 साल दोस्त उसकी 9वीं में पढ़ने वाली बहन से छेड़छाड़ करता था। रास्ते में आते-जाते समय बहन को देखकर गाने गाता था। बहन से बात करने का प्रयास करता था। बहन ने इसकी जानकारी परिजन को दी, तो उन्होंने भी आरोपी को समझाया। जब यह बात बालक को पता चली, तो उसने दोस्त को टोका, ऐसा नहीं करने का कहा। यह बात आरोपी को नागवार गुजरी। उसने 11 और 14 साल के दो नाबालिग साथियों के साथ बालक को मारने का प्लान बनाया।
जलेबी खिलाने के बहाने घर बुलाया
आरोपी ने रविवार दोपहर बच्चे को जलेबी खिलाने के बहाने घर बुलाया। यहां उसके दो दोस्त पहले से मौजूद थे। आरोपियों ने मेन गेट पर बाहर से ताला लगा दिया। 16 साल का मुख्य आरोपी पीछे के दरवाजे से घर में पहुंचा।
यहां उसने घर के साउंड सिस्टम की आवाज तेज कर दी। कूलर भी चालू कर दिया, ताकि बालक की आवाज दब सके। इसके बाद दोनों दोस्तों के साथ साइकिल की चेन से नाबालिग का गला घोंट दिया। उन्हें लगा कि गला घोंटने से मौत नहीं हुई है, तो बकरा काटने के चाकू से नाबालिग की गर्दन, पेट, हाथ व शरीर में कई जगह पर वार किए। इसके बाद भी मौत नहीं होने पर मसाला बांटने के बट्टे से सिर में कई वार किए।
बोरे में रखकर घर के पीछे फेंका शव
हत्या के बाद घर में खून फैलने पर तीनों आरोपियों ने शव को एक बड़ी पॉलीथिन में रखा। इसके बाद उसे बोरे में रख लिया। यहां से तीनों शव को गांव से दूर फेंकने जा रहे थे। शव के बोरे को मृतक के घर के पीछे वाले हिस्से में ले गए। यहां लोगों की हलचल देखकर शव को छोड़कर आ गए। इसके बाद गाड़ी की व्यवस्था करने गए थे। दोपहर 12 बजे के बाद से शाम चार बजे तक बच्चा जब घर नहीं पहुंचा, तो परिजन चिंतित हो गए।
बोरे के बाहर दिख रहा था पैर
उन्होंने गांव में बच्चे को तलाश किया। पता नहीं चला, तो पुलिस को जानकारी दी। इस समय मृतक के पड़ोस में रहने वाली महिला आंगन में बर्तन धोने आई। उसकी नजर बोरे पर पड़ी। उसे बोरे में से पैर दिखाई दिया। महिला ने आसपास के लोगों को बुलाया। गांव के लोग मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने पुलिस को बुलाकर बोरे से शव निकाला।
पूछताछ में पता चला कि बालक काे आखिरी बार दोपहर करीब 12 बजे गांव के तीनों लड़कों के साथ दिखा। तीनों से सख्ती से पूछताछ तो तीनों ने जुर्म कबूल लिया। पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर बाल न्यायालय पहुंचा दिया है।
पब्जी जैसे हिंसक गेम खेलते थे आरोपी
एसपी रामजी श्रीवास्तव ने बताया कि तीनों बच्चे टीवी और मोबाइल पर क्राइम से संबंधित सीरियल देखते थे। उन्होंने बालक का गला घोंटने के बाद चेन को गले से नहीं निकाला। इसके बाद साक्ष्य छिपाने का प्रयास किया। हत्या करने वाले बच्चे पब्जी जैसे हिंसक गेम खेलते थे। क्राइम से संबंधित वीडियो भी देखते थे। मुख्य आरोपी को उसके रिश्तेदार ने मोबाइल देखने को लेकर डांटा भी था।