16वीं विधानसभा सत्र के पहले दिन 207 विधायकों ने ली शपथ, नरेंद्र सिंह तोमर निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाएंगे
भोपाल। मध्यप्रदेश में 16वीं विधानसभा का विशेष सत्र सोमवार से शुरू हो गया। चार दिन चलने वाले इस सत्र के पहले दिन 207 विधायकों को शपथ दिलाई गई। प्रोटेम स्पीकर पहले ही शपथ ले चुके हैं। 22 विधायकों की शपथ होना बाकी है। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक स्थगित कर दी गई है।
इससे पहले, नरेंद्र सिंह तोमर ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। वे निर्विरोध चुने जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष का चयन 20 दिसंबर को होगा।
सोमवार को पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उनके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने शपथ ली। पांचवें नंबर पर शिवराज सिंह ने शपथ ली। मुरैना जिले के सबलगढ़ से भाजपा विधायक सरला रावत शपथ लेने में कई बार अटकीं। वे पढ़ नहीं पा रही थीं। सुरक्षाकर्मी ने उनकी मदद की।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विपक्ष के साथ मिलकर सकारात्मक प्रदेश के लिए काम करेंगे। महाकाल लोक, ओरछा समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर अनुष्ठान करेंगे। विधायकों और मंत्रियों को प्रशासनिक दक्षता के लिए ट्रेनिंग कराई जाएगी।
सीधी विधायक रीति पाठक ने संस्कृत में ली शपथ
सीधी से पहली बार विधायक बनीं रीति पाठक ने संस्कृत में शपथ ली। पाठक दो बार सांसद रह चुकी हैं। दमोह जिले के जबेरा से भाजपा विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी और मऊगंज से दूसरी बार भाजपा के विधायक प्रदीप पटेल ने भी संस्कृत में शपथ ली।
मुख्यमंत्री बोले- विपक्ष की सकारात्मक सोच का स्वागत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, ‘ मुझे प्रसन्नता है कि सत्ता पक्ष-विपक्ष ने मिलकर नए विधानसभा अध्यक्ष का नामांकन दाखिल किया है। मैं विपक्ष की सकारात्मक सोच का स्वागत करता हूं। विपक्ष इसी तरह रचनात्मक सहयोग दे। हम प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगे।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा- महाकाल लोक, ओरछा सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर अनुष्ठान शुरू होंगे। विधायक और मंत्रियों की प्रशासनिक दक्षता की ट्रेनिंग कराई जाएगी। मंत्रिमंडल गठन पर उन्होंने कहा, ‘कल दिल्ली में बैठक हुई है। जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।’
शिवराज सिंह ने कहा- मामा का रिश्ता प्रेम का है
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा की। महिलाओं के रोने को लेकर शिवराज सिंह ने कहा- भाई बहन के रिश्ते हों, मामा या भांजे के रिश्ते हों, मैंने पहले भी कहा है कि भाई का रिश्ता विश्वास का है और मामा का रिश्ता प्रेम का है। ये जो संबंध हैं, वो स्वाभाविक हैं। ये एक फेज होता है, धीरे-धीरे लोग इसको भूल जाते हैं लेकिन संबंध रहेंगे।
उन्होंने कहा- विधानसभा में पुराने और अनुभवी साथी भी चुनकर आए हैं। नई पीढ़ी का भी पर्याप्त समावेश दिख रहा है। एक और आनंद का विषय है, पीढ़ी परिवर्तन भी हुआ है। मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं, तो उमंग सिंगार नेता प्रतिपक्ष। मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश प्रगति और विकास की नई ऊंचाइयां छूएगा।