Friday, July 25, 2025
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152 लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ कर की घर वापसी, मध्यप्रदेश के 72 और महाराष्ट्र के 80 लोगों ने अपनाया हिंदू धर्म

बैतूल। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लगे गांवों के रहने वाले 152 लोगों ने ईसाई धर्म छोड़ कर हिंदू धर्म अपनाकर घर वापसी की है। इनमें बैतूल के 72 और महाराष्ट्र के अमरावती जिले से लगे 12 से ज्यादा गांवों के 80 लोग शामिल हैं। ये सभी एससी और एसटी वर्ग के लोग हैं। सावलमेंढ़ा के रामदेव बाबा संस्थान में इनके हाथ में कलावा बांधा गया। गंगा जल पिलाकर और पैर पखारे गए।

लोगों ने बताया कि ईसाई मिशनरियों ने बहला-फुसलाकर धर्म बदलवाया था। हर परिवार को 20 हजार रुपए दिए गए। लालच की वजह से कन्वर्ट हुए थे। इसके बाद से खुद को ठगा महसूस कर रहे थे। समाज और रिश्तेदारों से भी दूर होते जा रहे थे।

षड्यंत्र के तहत करवाते हैं धर्म परिवर्तन 

ईसाई धर्म छोड़कर आए महादेव सलामे ने बताया कि मिशनरी के प्रमोटर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और जरूरतमंद लोगों को षड्यंत्र के साथ धर्म परिवर्तन करने के लिए राजी कर लेते हैं। वे मकान, पैसे और नौकरी देने के साथ ही बीमारी ठीक करने के वादे करते हैं।

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मुलताई में 152 लोगों ने घर वापसी की।

धर्म परिवर्तन के बाद वादा पूरा नहीं करते
छतर तवड़े ने बताया कि बैतूल और अमरावती जिले के दर्जनों गांव में कई परिवार ईसाई मिशनरियों के प्रमोटरों के षड्यंत्र में फंसे हैं। जो लोग धर्म परिवर्तन करवा लेते हैं, उन्हें दूसरे ग्रामीण सामाजिक रूप से अलग कर देते हैं। उनके कार्यक्रम में ग्रामीण शामिल नहीं होते। ऐसे परिवारों में बेटे-बेटियों का रिश्ता भी नहीं करते हैं।

महादेव और छतर ने कहा कि मिशनरी के प्रमोटर जो वादे लोगों से करते हैं, वे धर्म परिवर्तन के बाद पूरे नहीं किए जाते। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उन्हें मानसिक रूप से तैयार करने में क्षेत्र के कुछ लोग लगातार काम कर रहे हैं। उन्हीं लोगों की समझाइश के बाद लोग अब घरवापसी करने लगे हैं।

मांग भरने और हिंदू देवी-देवताओं को पूजने की मनाही
बेबी बाई और उर्मिल बाई ने बताया कि हम अब वापस अपने धर्म में आ गई हैं। हमसे रोज प्रार्थना करवाई जाती थी। जब धर्म परिवर्तन किया था, तो मांग भरने से मना कर दिया था। न चूड़ी पहनने देते थे, न ही बिंदी लगाने देते थे। साथ ही, हिंदू धर्म के देवी-देवताओं की पूजा भी बंद करा दी थी।

मिशनरी के लोगों ने घरों से हिंदू देवी-देवताओं के फोटो और मूर्तियां हटवा दीं, लेकिन जब हमें पता चला कि हमारे साथ ठगी हुई है, तो घरवापसी कर ली।

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सभी के पैर भी पखारे गए।

लालच देने गांव में आती हैं टोलियां

अचलपुर, कोथल कुंड, सालमेंडा सहित भैंसदेही के ग्रामीणों ने बताया कि धर्म परिवर्तन करवाने वाले लोग तीन-चार की टोली में आते हैं। घर-घर जाकर पानी पिलाते हैं। कहते हैं कि इस पानी को पीने से उनका स्वास्थ्य अच्छा हो जाएगा। इसके बाद वे ईसाई धर्म में जाने के लिए परिवार को 20 हजार रुपए का लालच देकर नौकरी लगवाने की बात करते हैं। साथ ही, फ्री इलाज का भरोसा दिलाते हैं। इलाज भी करवाते हैं। जैसे ही, लोग धर्म परिवर्तन कर लेते हैं, उसके बाद यह लोग गायब हो जाते हैं। इसके बाद ने पैसे मिलते हैं और न नौकरी।

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