18 साल पुराने राशन घोटाले में भाजपा नेता समेत 11 लोग दोषी, चार पुरुषों को 5-5 साल, 7 महिलाओं को 4-4 साल कैद
मंदसौर। मंदसौर में सहकारी राशन घोटाले में भाजपा नेता समेत 11 लोगों को सजा सुनाई गई है। इसमें 7 महिलाओं को 4-4 साल और 4 पुरुषाें को 5-5 साल कैद की सजा सुनाई है। 18 साल चली सुनवाई के बाद सोमवार को जज किशोर कुमार गेहलोत की विशेष कोर्ट ने फैसला सुनाया। सजा पाने वालों में एक भाजपा नेता भी है। कोर्ट ने 49 लाख 61 हजार जुर्माना भी लगाया।
आरोपियों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे वालों को वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्री गेहूं को खुले बाजार में बेच दिया था। 89 करोड़ का घोटाला 2002 में सामने आया था। इसके बाद 2005 में मामला कोर्ट पहुंचा।
18 साल चली सुनवाई में 252 पेशी
करीब 18 साल चली सुनवाई के दौरान 252 पेशी हुईं। कोर्ट ने 16 आरोपियों को दोषी पाया। इनमें पांच आरोपियों का निधन हो चुका है। मामले में तत्कालीन जिला सहकारी उपभोक्ता भंडार के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गौतम, पत्नी योगेश देवी भी हैं। राजेंद्र गौतम वर्तमान में भाजपा नेता और जिला सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष हैं। वहीं, महमूद मंसूरी तत्कालीन सीईओ जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भण्डार पद पर पदस्थ थे।

इन आरोपियों को मिली सजा
सजा पाने वाले चार पुरुष- राजेन्द्र सिंह गौतम (68) निवासी हाउसिंग कॉलोनी, मेहमूद (66) तत्कालीन सीईओ जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भण्डार निवासी चौधरी कॉलोनी, रामचन्द्र दरक (65) निवासी नई आबादी, हेमंत (60) हिंगड़ निवासी जनकुपुरा।
सजा पाने वाली 7 महिलाएं- नजमा (52) पति लियाकत हुसैन निवासी इंद्रा कॉलोनी, शीला देवी (62) पति रविन्द्र शर्मा निवासी जनता कॉलोनी, रमादेवी (50) पति महेन्द्रसिंह राठौर निवासी चंदरपुरा, राखी (48) पति धर्मेन्द्रसिंह राठौड़ निवासी चंदरपुरा, मालती देवी (64) पति गोपाल सोनी निवासी जीवागंज, योगेश देवी (66) पति राजेन्द्रसिंह गौतम निवासी हाउसिंग कॉलोनी, हेमा (57) पति हेमंत कुमार हिंगड़ निवासी जनकुपुरा।

यह था मामला
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा ने बताया कि 24 जुलाई 2002 को तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल सिंह राठौर को सूचना मिली कि सहकारी बाजार का कर्मचारी रामचंद्र दरक सरकारी गेहूं को व्यापारी को बेच रहा है। शांतनु कॉम्पलेक्स में वीरेन्द्र जैन के क्लीनिंग मिल का जेठानंद सिंधी इस पर ब्रांड का ठप्पा लगाकर खुले बाजार में बेचता है।
पुलिस ने जेठानंद सिंधी, वीरेन्द्र जैन, मुश्ताक को पकड़ा। यहां से गेहूं से भरा ट्रक जब्त किया। साथ ही, आवश्यक वास्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। जांच में साफ हुआ कि आरोपी जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडार शांतनु कैंपस में राजेन्द्र सिंह गौतम अध्यक्ष, पत्नी योगेशदेवी उपाध्यक्ष और बाकी आरोपी हेमंत, हेमा, रमादेवी, राखी सिंह, मालती देवी, शीलादेवी, नजमा संचालक मंडल की सदस्य और महमूद मंसूरी सीईओ, रामचंद दरक लिपिक भी साजिश में शामिल हैं।
आरोपियों ने 87 करोड़ 83 लाख 92 हजार 28 की आर्थिक अनियमितता की। मामले में 18 साल सुनवाई चली।