लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के 10 कैंडिडेट्स में से 8 नए चेहरे; छिंदवाड़ा से नकुलनाथ और भिंड से फूलसिंह बरैया लड़ेंगे
भोपाल। कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट्स की दूसरी सूची की है। इसमें मध्यप्रदेश के लिए 10 उम्मीदवार के नाम शामिल हैं। लिस्ट के मुताबिक छिंदवाड़ा से नकुलनाथ और भिंड से फूलसिंह बरैया लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वहीं, मंडला से ओंकार सिंह मरकाम को उम्मीदवार बनाया है।
2 सीटों पर ही उम्मीदवार रिपीट
लिस्ट में 10 में से सिर्फ 2 सीटों पर ही उम्मीदवार रिपीट किए गए हैं। छिंदवाड़ा से नकुलनाथ और बैतूल से रामू टेकाम 2019 में भी कांग्रेस के प्रत्याशी थे। इनमें से नकुलनाथ चुनाव जीते थे। बता दें कि नकुलनाथ छिंदवाड़ा में सियासी मंचों पर अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर चुके थे।
पढ़िए, कहां से कौन होगा प्रत्याशी
भिंड- फूल सिंह बरैया
टीकमगढ़- पंकज अहिरवार
सतना- सिद्धार्थ कुशवाहा
सीधी- कमलेश्वर पटेल
मंडला – ओंकार सिंह मरकाम
छिंदवाड़ा- नकुलनाथ
देवास – राजेंद्र मालवीय
धार – राधेश्याम मुवेल
खरगोन – पोरलाल खरते
बैतूल – रामू टेकाम
तीन विधायकों को बनाया प्रत्याशी
कांग्रेस ने मंडला से ओमकार सिंह मरकाम, भिंड से फूल सिंह बरैया और सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है। तीनों मौजूदा विधायक हैं। सतना सीट पर विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थ ने भाजपा के गणेश सिंह को हराया था। अब लोकसभा चुनाव में भी इन दोनों के बीच ही मुकाबला होगा।
10 सीट में 7 आरक्षित
कांग्रेस की ओर से घोषित 10 सीटों में से 7 आरक्षित हैं। भिंड, देवास और टीकमगढ़ एससी के लिए आरक्षित हैं। वहीं, मंडला, खरगोन, धार व बैतूल एसटी के लिए रिजर्व हैं। छिंदवाड़ा, सीधी और सतना अनारक्षित हैं।
जानिए, कांग्रेस के उम्मीदवार
2019 में पहली बार सांसद बने नकुलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ के बड़े बेटे हैं। अपने पिता की परंपरागत लोकसभा सीट छिंदवाड़ा से 2019 में पहली बार चुनाव लड़ा। भाजपा प्रत्याशी नत्थन शाह को 37 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया।
इसलिए बनाया प्रत्याशी: कमलनाथ के बेटे होने का फायदा मिला। छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है। यहां से नकुलनाथ के अलावा कोई दावेदार नहीं था।
फूल सिंह बरैया भांडेर से विधायक
बरैया पहली बार 1998 में बसपा से विधायक बने। 2003 में बसपा छोड़ी। 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए और लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बने, लेकिन हार गए। 2020 के विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़े, लेकिन हार गए। 2023 में कांग्रेस ने फिर विधानसभा में टिकट दिया। वर्तमान में दतिया जिले के भांडेर से विधायक हैं।
क्यों टिकट मिला: प्रदेश में दलित समाज का बड़ा चेहरा। यह क्षेत्र एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है।
पंचायत विकास ग्रामीण विभाग मंत्री रह चुके कमलेश्वर
2013 में पहली बार विधायक बने। 2018 में कांग्रेस के शासनकाल में पंचायत विकास ग्रामीण विभाग मंत्री रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के विश्वामित्र पाठक से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
क्यों मिला टिकट: ओबीसी वर्ग के मतदाता अधिक हैं। भाजपा यहां से लगातार सामान्य वर्ग को टिकट देती आई है। इसलिए कांग्रेस इन पर भरोसा जताया है।
प्रदेश में 29 लोकसभा सीटों की स्थिति
2014- भाजपा- 27
कांग्रेस- 2
2019- भाजपा 29
कांग्रेस- 1
BJP की पहली लिस्ट में MP के 24 नाम
बता दें कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए पहली सूची 2 मार्च को जारी की थी। इसमें मध्यप्रदेश की 24 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया। विदिशा से शिवराज सिंह चौहान और गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया गया है। 5 सीटों छिंदवाड़ा, इंदौर, उज्जैन, बालाघाट और धार के लिए अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं।